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केवाईसी की झंझटों से मिलेगी मुक्ति? आ गया है Uniform KYC यूनिफार्म केवाईसी

सरकारी योजना से लेकर सभी फाइनेंसियल प्रोडक्ट का लाभ लेने के लिए आपको केवाईसी प्रोसेस से हर बार गुजरना होता है। पर अब आ गया है यूनिफार्म केवाईसी (Uniform KYC). यहाँ आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी।

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क्या आपने कभी सोचा है कि बैंक खाता खोलने, बीमा लेने या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए बार-बार केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना कितना थका देने वाला होता है?

चिंता न करें, आप अकेले नहीं हैं!

लेकिन अब अच्छी खबर है – यूनिफार्म केवाईसी!

Financial Stability and Development Council (FSDC) ने वित्तीय क्षेत्र में एक यूनिफार्म केवाईसी प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव दिया है ताकि ग्राहक वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके और कागजी कार्रवाई, समय और लागत को कम किया जा सके।

यूनिफार्म केवाईसी (Uniform KYC) क्या है?

यूनिफार्म केवाईसी, जिसे “सिंगल केवाईसी” भी कहा जाता है, वित्तीय क्षेत्र में ग्राहक सत्यापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का एक प्रयास है। इसका उद्देश्य विभिन्न वित्तीय संस्थानों (जैसे बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड) के बीच केवाईसी रिकॉर्ड की Interoperability को सक्षम बनाकर ग्राहकों के लिए केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाना है।

यूनिफार्म केवाईसी के तहत, एक बार जब आपका केवाईसी किसी एक वित्तीय संस्थान के साथ पूरा हो जाता है, तो उसे अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा भी मान्यता दी जा सकती है, बशर्ते वे सभी समान केवाईसी मानकों का पालन करते हों।

इसके बाद, आप अपनी केवाईसी जानकारी विभिन्न वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड कंपनियों आदि के साथ साझा कर सकते हैं।

यूनिफार्म केवाईसी (Uniform KYC) कैसे काम करता है?

यूनिफार्म केवाईसी के तहत,कस्टमर वेरिफिकेशन प्रोसेस को निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

1. केवाईसी पंजीकरण:

  • ग्राहक एक वित्तीय संस्थान के साथ अपना केवाईसी पंजीकरण कराएगा।
  • पंजीकरण के दौरान, ग्राहक को अपनी पहचान, पते और अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी।
  • वित्तीय संस्थान ग्राहक के दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और केवाईसी रिकॉर्ड बनाएगा।

2. केवाईसी डेटा का केंद्रीय भंडार:

  • सभी वित्तीय संस्थानों के केवाईसी रिकॉर्ड एकcentral repository में संग्रहीत किए जाएंगे।
  • यह केंद्रीय भंडार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) या किसी अन्य नियामक प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
  • सीकेवाईसी संख्या: आपको एक 14 अंकों की CKYC (Central KYC Records) संख्या प्रदान की जाती है।

3. ऑनलाइन सत्यापन:

  • जब कोई ग्राहक किसी अन्य वित्तीय संस्थान के साथ लेनदेन करता है, तो वित्तीय संस्थान केंद्रीय भंडार से ग्राहक के केवाईसी रिकॉर्ड को ऑनलाइन सत्यापित कर सकेगा।
  • यदि ग्राहक का केवाईसी पहले से ही किसी अन्य वित्तीय संस्थान द्वारा किया जा चुका है, तो ग्राहक को फिर से केवाईसी प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी।

यूनिफार्म केवाईसी के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:

  • मानकीकृत केवाईसी प्रक्रिया: सभी वित्तीय संस्थानों को समान केवाईसी मानकों का पालन करना होगा।
  • डिजिटल केवाईसी: ग्राहक आधारित बैंकिंग प्रणाली (CBS) और Aadhaar जैसी डिजिटल पहचान प्रणाली का उपयोग करके केवाईसी प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाया जाएगा।
  • ग्राहक सहमति: ग्राहक को अपनी केवाईसी जानकारी को अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ साझा करने की सहमति देनी होगी।
  1. केवाईसी: आप किसी भी वित्तीय संस्थान के साथ अपनी पहचान और पते का प्रमाण जमा करके केवाईसी प्रक्रिया पूरी करते हैं।
  2. सीकेवाईसी संख्या: आपको एक 14 अंकों की सीकेवाईसी (केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड्स) संख्या प्रदान की जाती है।
  3. जानकारी साझा करना: आप अपनी सीकेवाईसी संख्या का उपयोग करके विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ अपनी केवाईसी जानकारी साझा कर सकते हैं।

यूनिफार्म केवाईसी के लाभ:

  • समय की बचत: बार-बार केवाईसी प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं है।
  • सुविधा: विभिन्न संस्थानों के साथ लेनदेन आसान हो जाता है।
  • कम कागजी कार्रवाई: कम दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
  • बेहतर सुरक्षा: डेटा सुरक्षा में सुधार होता है।

मौजूदा केवाईसी प्रक्रिया और आने वाला सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री

आज की केवाईसी प्रक्रिया

  • जब आप कोई नया बैंक खाता खोलते हैं, निवेश करते हैं, या बीमा लेते हैं, तो आपको केवाईसी करवाना होता है।
  • केवाईसी का मतलब “अपने ग्राहक को जानें” होता है। इसमें बैंक या संस्था यह सुनिश्चित करती है कि आप कौन हैं और आपका पता सही है।
  • इसके लिए आपको पहचान और पते का प्रमाण, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता पहचान पत्र दिखाना पड़ सकता है।
  • दिक्कत ये है कि हर बार आपको ये दस्तावेज अलग-अलग संस्थाओं को दिखाने पड़ते हैं। भले ही आप पहले से ही किसी और जगह केवाईसी करवा चुके हों।

आने वाला सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर)

  • अच्छी खबर यह है कि सरकार एक केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) लाने की योजना बना रही है।
  • यह एक डिजिटल रिकॉर्ड होगा जहां आपका केवाईसी डाटा सुरक्षित रूप से जमा होगा।
  • एक बार जब आप किसी संस्था के साथ केवाईसी करवा लेते हैं, तो आपका डाटा सीकेवाईसीआर में चला जाएगा।
  • फिर भविष्य में आपको दूसरी संस्थाओं के लिए अलग से केवाईसी करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो सीकेवाईसीआर से आपका डाटा ऑनलाइन जांच लेंगी।
  • इससे आपका समय और दस्तावेजों का झंझट कम हो जाएगा।

सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (CKYCR)

CKYCR क्या है?

सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (CKYCR) एक डिजिटल रिकॉर्ड है जिसमें सभी वित्तीय संस्थानों के ग्राहकों का केवाईसी डेटा जमा होता है। CKYCR 2016 में स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य विभिन्न वित्तीय सेवाओं के लिए बार-बार होने वाली केवाईसी प्रक्रिया को खत्म करना है।

CKYCR कैसे काम करता है?

  • जब आप किसी वित्तीय संस्थान के साथ केवाईसी करवाते हैं, तो आपका डेटा CKYCR में भेजा जाता है।
  • CKYCR आपके डेटा को सुरक्षित रखता है और इसे अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ साझा करता है।
  • जब आप किसी अन्य वित्तीय संस्थान के साथ लेनदेन करते हैं, तो वह संस्थान CKYCR से आपके डेटा का अनुरोध कर सकता है।
  • CKYCR डेटा को सत्यापित करता है और इसे संस्थान को भेजता है।

प्रस्तावित बदलाव

सरकार की प्रस्तावना के तहत, ग्राहकों को केवाईसी विवरण जमा करने पर उनकी आईडी प्रमाण से जुड़ी एक विशिष्ट सीकेवाईसी पहचानकर्ता प्राप्त होगा। यह पहचानकर्ता रिपोर्टिंग संस्थाओं को केंद्रीय रजिस्ट्री से केवाईसी रिकॉर्ड तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिससे अनावश्यक केवाईसी प्रक्रियाओं की आवश्यकता कम हो जाती है।

प्रस्तावित बदलावलाभ
विशिष्ट सीकेवाईसी पहचानकर्ताग्राहकों को विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध बनाने में आसानी होगी
केंद्रीय रजिस्ट्री तक पहुंचअनावश्यक केवाईसी प्रक्रियाओं की आवश्यकता कम हो जाती है

सरकार का प्रस्ताव केवाईसी प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाने का प्रयास करता है। यह ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों के लिए समय बचाएगा।

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