चेकबुक क्या है? | ChequeBook कितने प्रकार के होते है?
यदि आप बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते हैं, तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि चेकबुक क्या होती है और ChequeBook कितने प्रकार होते हैं। साथ ही आपके चेक पर कौन सी जानकरी होती है।
डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग के कारण चेकबुक की लोकप्रियता में कमी आई है, और लोग अब इसका कम उपयोग करने लगे हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि चेकबुक का इस्तेमाल बंद हो गया है। चेक बैंकिंग प्रणाली की रीढ़ हैं और अभी भी यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज के रूप में कार्य करता है। प्रत्येक चेक में एक यूनिक चेक नंबर, IFSC कोड और MICR कोड होता है, जो इसे सुरक्षित और ट्रैक योग्य बनाते हैं।
चेकबुक क्या है? (What is a ChequeBook?)
चेकबुक बैंक द्वारा दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा है, जो बैंक खाताधारकों को बैंक में जमा उनके पैसे का उपयोग करने की अनुमति देती है। चेकबुक में चेक के रूप में पन्ने होते हैं, जिन्हें खाताधारक किसी व्यक्ति, कंपनी या संस्था को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। एक चेक एक दस्तावेज़ होता है, जिसमें खाताधारक एक निश्चित राशि का उल्लेख करता है और उसे जारी करने वाले बैंक से भुगतान के निर्देश देता है।
चेक का उपयोग मुख्य रूप से तब किया जाता है जब नकद या डिजिटल भुगतान विकल्प का उपयोग न किया जा सके या न करना हो। यह एक सुरक्षित और रिकॉर्ड योग्य भुगतान विधि मानी जाती है, विशेषकर बड़े लेनदेन के लिए।
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चेक के प्रकार
चेक के कई प्रकार हैं। अगर बैंकिंग सेवाओं का प्रयोग करते हैं, तो आपको इनके बारे में पता होना चाहिए।
- Open cheque
- Bearer cheque
- Depositing vs. Cashing a Cheque
- Self-Cheques
- Account Payee Cheques
- Post-dated cheque
- Banker’s cheque
- Traveler’s Cheque
- Crossed cheque
- Dishonour of Cheque
- Stale Cheque
- Ante-dated Cheque
- Mutilated Cheque
- Blank Cheque
तो इन चेक के प्रकारों की जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। आइए, सभी प्रकार के चेक को सरल भाषा में समझते हैं।
1. ओपन चेक (Open Cheque): ओपन चेक वह चेक होता है जिसका उपयोग कोई भी व्यक्ति बैंक में जाकर पैसे निकालने या अपने खाते में जमा करने के लिए कर सकता है। इसे किसी और को भी हस्तांतरित किया जा सकता है।
2. बेयरर चेक (Bearer Cheque): बेयरर चेक वह चेक होता है जिसमें कहा गया है कि भुगतान उस व्यक्ति को किया जाएगा जो चेक के साथ आएगा। इसे “वाहक” चेक भी कहते हैं। इसे भुनाने के लिए चेक पर “Bearer” लिखा होना चाहिए।
3. चेक जमा करना बनाम चेक भुनाना (Depositing vs. Cashing a Cheque):
- चेक जमा करना: इसका मतलब है कि आप चेक के माध्यम से अपने बैंक खाते में पैसा जोड़ रहे हैं। यह प्रक्रिया थोड़ी समय ले सकती है।
- चेक भुनाना: इसका मतलब है कि आप चेक को बैंक में देकर नकद पैसा ले रहे हैं। यह तुरंत किया जा सकता है।
4. सेल्फ चेक (Self-Cheques): सेल्फ चेक वह चेक होता है जिसे चेक लिखने वाला खुद के नाम पर लिखता है। चेक पर आप “स्वयं” (Self) लिखते हैं। इसे केवल उसी बैंक में भुनाया जा सकता है जहां से चेक जारी किया गया है। यदि यह गलत हाथों में पड़ जाए, तो कोई और इसका उपयोग कर सकता है, इसलिए इसे सुरक्षित रखना जरूरी है।
5. अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheques): अकाउंट पेयी चेक में चेक पर “Account Payee” लिखा होता है और इसे केवल उसी व्यक्ति के खाते में जमा किया जा सकता है जिसका नाम चेक पर लिखा है। इसे नकद नहीं किया जा सकता है, जिससे यह सबसे सुरक्षित विकल्प बन जाता है।
6. पोस्ट-डेटेड चेक (Post-dated Cheque): पोस्ट-डेटेड चेक वह चेक होता है जिसमें भविष्य की तारीख होती है। यह चेक केवल उस तारीख के बाद ही भुनाया जा सकता है।
7. बैंकर का चेक (Banker’s Cheque): बैंकर चेक वह चेक होते हैं जो सीधे बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। यह भुगतान की गारंटी देता है और इसे सुरक्षित माना जाता है।
8. ट्रैवेलर्स चेक (Traveler’s Cheque): ट्रैवलर्स चेक का उपयोग यात्रा करते समय सुरक्षा के लिए किया जाता है। इससे आप बड़ी राशि में नकद ले जाने से बचते हैं और इसे विदेश में भुनाया जा सकता है।
9. डिशऑनर ऑफ चेक (Dishonour of Cheque): डिशऑनर ऑफ चेक तब होता है जब बैंक चेक को अस्वीकार कर देता है। इसका कारण हो सकता है कि आपके खाते में पैसे नहीं हैं या अन्य तकनीकी समस्या। बैंक आपको एक मेमो देता है जिसमें यह बताया जाता है कि चेक क्यों अस्वीकार किया गया।
10. स्टेल चेक (Stale Cheque): स्टेल चेक वह चेक होता है जो तीन महीने बाद अमान्य हो जाता है। यदि आप इसे तीन महीने बाद जमा करने की कोशिश करते हैं, तो बैंक इसे स्वीकार नहीं करेगा।
11. एंटी-डेटेड चेक (Ante-dated Cheque): एंटी-डेटेड चेक वह चेक होता है जिसमें लिखी गई तारीख वर्तमान तारीख से पहले की होती है। यह चेक उस तारीख से पहले की है और इसे भुनाने के लिए लागू किया जा सकता है।
12. म्यूटिलेटेड चेक (Mutilated Cheque): म्यूटिलेटेड चेक वह चेक होता है जो फटा हुआ या क्षतिग्रस्त हो जाता है। यदि चेक का महत्वपूर्ण हिस्सा गायब है, तो वह अमान्य हो जाता है।
13. ब्लैंक चेक (Blank Cheque): ब्लैंक चेक वह चेक होता है जिसमें सभी फ़ील्ड खाली होते हैं, केवल हस्ताक्षर होते हैं। इसे ध्यान से उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह जोखिम भरा हो सकता है।
चेक के साथ शामिल पार्टियों की संख्या
चेक के लेन-देन में कुल चार मुख्य लोग या पक्ष शामिल होते हैं। ये सभी लोग चेक के जरिए पैसे के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण होते हैं। आइए, इन्हें और भी आसान शब्दों में समझते हैं:
प्राप्तकर्ता (Payee): यह वह व्यक्ति होता है जिसे चेक से पैसा मिलना है। चेक पर जिसका नाम लिखा होता है, वह प्राप्तकर्ता होता है।
अदाकर्ता (Drawee): यह वह बैंक होता है जिससे पैसा निकाला जाता है। यानी जिस बैंक में आपका खाता है और जहां से पैसा दिया जाएगा, उसे अदाकर्ता कहते हैं।
ड्रॉअर (Drawer): यह वह व्यक्ति होता है जो चेक लिखता है। वह बैंक को यह निर्देश देता है कि किसे भुगतान करना है। ड्रॉअर वही होता है जो पैसा देने का आदेश देता है।
एंडोर्सर (Endorser): अगर चेक का प्राप्तकर्ता (Payee) चेक को किसी और को दे देता है ताकि वह पैसा ले सके, तो वह एंडोर्सर कहलाता है। मतलब, प्राप्तकर्ता ने अपना चेक किसी और को दे दिया है।
एंडोर्सी (Endorsee): एंडोर्सी वह व्यक्ति होता है जिसे एंडोर्सर द्वारा चेक दिया जाता है। अब वह चेक का पैसा ले सकता है, क्योंकि उसे अधिकार मिल गया है।
उदाहरण: आपने अपने दोस्त को 1000 रुपये का चेक दिया।
- आप चेक लिखने वाले व्यक्ति हैं, यानी ड्रॉअर।
- आपका दोस्त, जिसे पैसा मिलना है, वह प्राप्तकर्ता है।
- बैंक, जो पैसा देगा, वह अदाकर्ता है।
- अगर आपका दोस्त यह चेक किसी और को दे देता है, तो वह एंडोर्सर बन जाता है, और जिसे यह चेक मिलता है, वह एंडोर्सी होता है।
इससे चेक के जरिए पैसा किस तरह से चलता है, यह समझना आसान हो जाता है।
नई चेकबुक के लिए आवेदन कैसे करें?
नई चेकबुक प्राप्त करना एक सरल प्रक्रिया है, जिसे आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। आप ऑनलाइन आवेदन, एटीएम, बैंक की शाखा में जाकर, या बैंक के मोबाइल ऐप का उपयोग करके आसानी से चेकबुक के लिए आवेदन कर सकते हैं। नीचे विभिन्न तरीकों की जानकारी दी गई है:
1. इंटरनेट बैंकिंग:
नई चेकबुक के लिए इंटरनेट बैंकिंग सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका है। इसे करने के लिए आपको अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट में लॉग इन करना होगा।
- अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर लॉग इन करें।
- ‘चेकबुक अनुरोध’ या ‘चेकबुक ऑर्डर’ का विकल्प ढूंढें।
- खाता संख्या और डाक पते जैसी जानकारी भरें।
- आपका अनुरोध जमा हो जाएगा और आपकी नई चेकबुक आपके पते पर भेज दी जाएगी, जो बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज है।
2. एटीएम के माध्यम से:
एटीएम के जरिए चेकबुक के लिए आवेदन करना भी एक आसान तरीका है। इसके लिए आपको अपने बैंक के एटीएम में जाना होगा।
- अपने बैंक के एटीएम में जाकर अपना डेबिट कार्ड डालें।
- पिन दर्ज करें और ‘नई चेक बुक जारी करें’ का विकल्प चुनें।
- इस पर क्लिक करने के बाद सबमिट करें।
- आपका अनुरोध जमा हो जाएगा और चेकबुक आपके पते पर भेज दी जाएगी।
3. बैंक की शाखा में जाकर:
यदि आप सीधे बैंक से चेकबुक लेना चाहते हैं, तो आप अपनी बैंक शाखा में जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
- बैंक शाखा में जाकर ‘चेकबुक आवेदन फॉर्म’ भरें।
- अपने खाते का विवरण और आवश्यक जानकारी प्रदान करें।
- बैंक में जमा करें, और कुछ दिनों के भीतर आपकी चेकबुक आपको दी जाएगी या आपके पते पर भेज दी जाएगी।
4. मोबाइल ऐप के माध्यम से:
आपके बैंक का मोबाइल ऐप भी चेकबुक के लिए आवेदन करने का एक त्वरित और सरल तरीका है। अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को मोबाइल ऐप के जरिए चेकबुक के लिए आवेदन करने की सुविधा देते हैं।
- अपने बैंक के मोबाइल ऐप में लॉग इन करें।
- ‘चेकबुक अनुरोध’ या इसी से मिलते-जुलते विकल्प पर जाएं।
- आवश्यक जानकारी जैसे खाता संख्या और डाक पता दर्ज करें।
- अनुरोध सबमिट करने के बाद, आपकी चेकबुक आपके पते पर भेज दी जाएगी।
5. डिमांड स्लिप के माध्यम से:
आपकी चेकबुक के आखिरी पन्ने के साथ एक डिमांड स्लिप भी दी जाती है। इस स्लिप को भरकर बैंक में जमा करने पर भी आप नई चेकबुक प्राप्त कर सकते हैं।
Bank | Cheque Book Application Link |
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HDFC Bank | HDFC Bank Cheque Book Request |
Kotak Mahindra Bank | Kotak Cheque Book Request |
Union Bank of India | Union Bank Cheque Book Request |
ICICI Bank | ICICI Bank Cheque Book Request |
IndusInd Bank | IndusInd Cheque Book Request |
Standard Chartered Bank | Standard Chartered Cheque Book Help |
Yes Bank | Yes Bank Cheque Books Guide |
India Post | India Post Cheque Book Application Form |
चेक नंबर कहां मिलता है?
अगर आप अपने चेक की स्थिति ट्रैक करना चाहते हैं, तो आपको चेक नंबर की जरूरत होगी। चेक नंबर से ही चेक की पहचान होती है। चेक के नीचे दिए गए पहले छह अंक चेक नंबर होते हैं।
चेक लीफ में चेक नंबर और MICR कोड कैसे पहचानें?
MICR कोड क्या है?
MICR (मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन) एक विशेष कोड होता है जो आमतौर पर चेक के नीचे मुद्रित होता है। इसका मुख्य उद्देश्य चेक की पहचान को आसान बनाना, भुगतान में त्रुटियों को कम करना और तेज़ चेक प्रसंस्करण में मदद करना होता है।
MICR कोड 9 अंकों का होता है:
- पहले तीन अंक: शहर का कोड बताते हैं।
- अगले तीन अंक: बैंक का कोड दर्शाते हैं।
- अंतिम तीन अंक: बैंक की शाखा का कोड बताते हैं।
IFSC कोड क्या है?
IFSC (इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड) भी बैंकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह चेक पर मुद्रित होता है और इसका उपयोग एक बैंक से दूसरे बैंक में सुरक्षित और त्रुटि-रहित फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है। यह कोड एक विशिष्ट बैंक और उसकी शाखा की पहचान करता है।
चेक में चेक नंबर और MICR कोड कहां होते हैं?
- चेक नंबर: चेक के निचले हिस्से में होता है और यह छह अंकों का होता है। इसे अक्सर वर्टिकल पाइप (||) से घेरा जाता है।
- MICR कोड: यह भी चेक के नीचे, चेक नंबर के पास होता है और 9 अंकों का होता है।
MICR कोड का विवरण:
- शहर का कोड: पहले तीन अंक।
- बैंक का कोड: चौथा, पांचवां, और छठा अंक।
- शाखा का कोड: अंतिम तीन अंक।
चेक की मुख्य विशेषताएं:
- चेक को बचत या चालू खातों के खिलाफ जारी किया जा सकता है।
- चेक हमेशा एक निर्दिष्ट बैंक पर जारी होता है।
- यह एक बिना शर्त आदेश होता है।
- चेक का भुगतान केवल प्राप्तकर्ता (लाभार्थी) के नाम से ही किया जाता है।
- चेक तभी देय होता है जब मांग की जाती है।
- अगर चेक पर तारीख नहीं हो, तो वह अमान्य माना जाएगा।
चेक पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
IFSC कोड क्या है? क्या यह सभी चेकों पर प्रिंटेड होता है?
भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड, जिसे IFSC के रूप में संक्षिप्त किया गया है, को 11 अंकों के अल्फ़ान्यूमेरिक कोड के रूप में परिभाषित किया गया है जो एक विशिष्ट बैंक शाखा के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करता है। हां। IFSC कोड बैंकों द्वारा जारी किए गए सभी चेकों पर मुद्रित होता है और यह कोड बैंक शाखाओं की पहचान करने और त्रुटि रहित तरीके से चेक को क्लियर करने में मदद करता है।
चेक के पन्ने पर MICR कोड का क्या उद्देश्य है?
9 अंकों का MICR कोड सभी चेकों पर एक आवश्यक और महत्वपूर्ण विशेषता है। यह बैंकों को बिना किसी त्रुटि के और तेजी से चेक प्रोसेस करने में मदद करता है।
चेक के पन्ने पर MICR नंबर कहाँ छपा होता है?
यह नंबर आमतौर पर चेक के नीचे छपा होता है। हालाँकि, यह कभी-कभी एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न हो सकता है।
चेक नंबर क्या है?
एक चेक नंबर एक अद्वितीय संख्या होती है जो प्रत्येक चेक लीफ पर छपी होती है। यह 6 अंकों का होता है।
किसी बैंक को भुगतान करने से मना करने का अधिकार कब है?
ऐसे मामलों में जब चेक undated है
यदि चेक जारी किए हुए 6 महीने बीत चुके हैं
जब कोई postdated चेक उसकी तिथि से पहले प्रस्तुत किया जाता है
क्या चेक का भुगतान केवल बैंकिंग समय के दौरान किया जाता है?
हां। एक बैंक केवल काम के घंटों के दौरान भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।
यदि कोई बैंकर क्रास्ड चेक पर गलत भुगतान करता है तो क्या परिणाम होंगे?
हुए नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार होगा।
चेक को क्रॉस करने का अधिकार किसे है?
ड्रावर, होल्डर और फिर बैंकर को चेक को क्रॉस करने का अधिकार है।
भारत में चेक लेनदेन को कौन नियंत्रित करता है?
भारतीय रिजर्व बैंक के साथ Negotiable Instruments Act।
यदि clearing process के दौरान कोई चेक गुम हो जाता है तो क्या होगा?
बैंक जल्द से जल्द ग्राहक को सूचित करेगा कि वह चेक जारीकर्ता है और ग्राहक प्रतिपूर्ति का भी हकदार है।