भारत के ये बैंक अब नहीं लेंगे सेविंग्स अकाउंट पर न्यूनतम बैलेंस शुल्क: जानें पूरी सूची और लाभ”

भारत में बैंकिंग क्षेत्र में हाल के महीनों में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है। कई बैंकों ने अपने सेविंग्स अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता को हटा दिया है, जिससे ग्राहकों को वित्तीय बोझ से राहत मिली है। यह कदम विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU बैंकों) द्वारा उठाया गया है, जो वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और बैंकिंग को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। इस ब्लॉग में, हम उन बैंकों की सूची, इस बदलाव के प्रभाव, और ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह पर चर्चा करेंगे। यह जानकारी 5 जुलाई, 2025 तक की नवीनतम अपडेट्स पर आधारित है।

न्यूनतम बैलेंस नियम हटाने वाले बैंक

नीचे दी गई तालिका में उन बैंकों की सूची दी गई है जिन्होंने हाल ही में या पहले से ही अपने सेविंग्स अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता को हटा दिया है, साथ ही उनकी प्रभावी तिथियां और विवरण शामिल हैं:

बैंक का नामप्रभावी तिथिविवरण
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)2020 सेसभी सेविंग्स अकाउंट्स जीरो-बैलेंस
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)1 जुलाई, 2025 सेन्यूनतम बैलेंस शुल्क हटाया गया
कनारा बैंक1 जून, 2025 सेसभी अकाउंट्स के लिए हटाया गया
इंडियन बैंक7 जुलाई, 2025 सेसभी सेविंग्स अकाउंट्स पर माफ
बैंक ऑफ बड़ौदाजुलाई 2025 सेप्रीमियम अकाउंट्स को छोड़कर
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडियास्पष्ट नहींघोषणा हुई, तिथि अनिश्चित

बैंकों का विवरण

  1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
    • SBI ने 2020 से अपने सभी सेविंग्स अकाउंट्स के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता को हटा दिया है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा बैंक ग्राहकों के लिए अधिक सुलभ बन गया है।
  2. पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
    • 1 जुलाई, 2025 से, PNB ने अपने सभी सेविंग्स अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस शुल्क को माफ कर दिया है, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क से राहत मिली है।
  3. कनारा बैंक
    • 1 जून, 2025 से, कनारा बैंक ने सभी प्रकार के सेविंग्स अकाउंट्स के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
  4. इंडियन बैंक
    • 7 जुलाई, 2025 से, इंडियन बैंक ने सभी सेविंग्स अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस शुल्क को माफ करने की घोषणा की है।
  5. बैंक ऑफ बड़ौदा
    • जुलाई 2025 से, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने सामान्य सेविंग्स अकाउंट्स (प्रीमियम अकाउंट्स को छोड़कर) के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता को हटाया है।
  6. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
    • इस बैंक ने भी न्यूनतम बैलेंस शुल्क हटाने की घोषणा की है, लेकिन सटीक तिथि अभी तक स्पष्ट नहीं है।

इस बदलाव का महत्व

न्यूनतम बैलेंस नियम को हटाने का यह कदम कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • वित्तीय समावेशन: यह नीति उन लोगों के लिए बैंकिंग को सुलभ बनाती है जो नियमित रूप से न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में असमर्थ हैं, जैसे कि कम आय वाले व्यक्ति या ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी।
  • शुल्क में कमी: न्यूनतम बैलेंस न रखने पर लगने वाला जुर्माना हटने से ग्राहकों की वित्तीय बचत होगी।
  • प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का यह कदम निजी बैंकों, जैसे HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, और ICICI बैंक, को और अधिक ग्राहक-अनुकूल नीतियां अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जो पहले से ही जीरो-बैलेंस अकाउंट्स ऑफर करते हैं।

ग्राहकों के लिए सलाह

इस बदलाव का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. विशिष्ट शर्तों की जांच करें: कुछ बैंकों, जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा, ने प्रीमियम अकाउंट्स को इस नीति से बाहर रखा है। इसलिए, अपने खाते की शर्तों की पुष्टि करें।
  2. आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि: बैंकों की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से संपर्क करके नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।
  3. निजी बैंकों पर विचार: यदि आप जीरो-बैलेंस अकाउंट की तलाश में हैं, तो निजी बैंक जैसे कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, या अन्य विकल्प भी विचार करें।

निष्कर्ष

भारतीय बैंकों द्वारा न्यूनतम बैलेंस नियम को हटाना वित्तीय समावेशन और ग्राहक सुविधा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, कनारा बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों ने इस नीति को अपनाकर लाखों ग्राहकों को राहत प्रदान की है। यह बदलाव न केवल वित्तीय बोझ को कम करता है, बल्कि बैंकिंग को अधिक समावेशी और सुलभ बनाता है।

यदि आप इस नीति का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने बैंक से संपर्क करें और अपने खाते की स्थिति की पुष्टि करें। यह कदम भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है, जो भविष्य में और अधिक ग्राहक-अनुकूल नीतियों को प्रेरित कर सकता है।

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