– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत यूपीआई (Unified Payments Interface) भुगतान सीमा को बढ़ाकर प्रति लेनदेन 5 लाख रुपये कर दिया गया है।

– यह बढ़ी हुई सीमा अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के लिए लागू होगी। पहले इन संस्थानों के लिए यूपीआई भुगतान सीमा 1 लाख रुपये प्रति लेनदेन तक सीमित थी।

– अब लोग यूपीआई के जरिए इलाज और शिक्षा के लिए ज्यादा रकम का भुगतान आसानी से कर सकेंगे। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

RBI ने ई-मैंडेट की सीमा भी बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति लेनदेन कर दी है। यह बढ़ी हुई सीमा म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड पुनर्भुगतान के लिए आवर्ती भुगतान पर लागू होगी।

– इन बदलावों से डिजिटल लेनदेन करना लोगों के लिए और भी आसान और सुविधाजनक हो जाएगा। इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

विशेषज्ञों की क्या राय है?

– कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

विशेषज्ञों की क्या राय है?

– कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

अगर आप अस्पताल या शिक्षण संस्थान को भुगतान करना चाहते हैं, तो यूपीआई का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक है।

अगर आप यूपीआई के बारे में या इन बदलावों के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें।