भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक और बैंक पर रोक का आदेश जारी कर दिया है। आरबीआई के अनुसार यह बैंक गंभीर वित्तीय स्थिति में है, और कामकाज करने की स्थिति में नहीं है।
आरबीआई के आदेश के बाद इस बैंक के खाताधारक अब बैंक से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। ध्यान रहे कि आरबीआई लगातार कमजोर बैंकों की नकेल कसता जा रहा है।
आरबीआई ने एक बयान में बताया है कि शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक पर यह प्रतिबंध 13 मई, 2022 को कारोबार बंद होने से 6 महीने की अवधि के लिए लागू किए जा रहे हैं।
आरबीआई के अनुसार बैंक की वर्तमान तरलता स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से किसी भी राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
हालांकि शर्तों के अधीन जमा के खिलाफ लोन को समायोजित करने की अनुमति है। वहीं यह बैंक, आरबीआई की पूर्वानुमति के बिना, किसी भी ऋण और अग्रिम को अनुदान या नवीनीकृत नहीं कर सकता है।
कोई निवेश नहीं कर सकता है, कोई दायित्व नहीं ले सकता है, और अन्य प्रतिबंधों के बीच अपनी किसी भी संपत्ति या संपत्ति का निपटान नहीं कर सकता है।
कोई निवेश नहीं कर सकता है, कोई दायित्व नहीं ले सकता है, और अन्य प्रतिबंधों के बीच अपनी किसी भी संपत्ति या संपत्ति का निपटान नहीं कर सकता है।
आरबीआई ने साथ ही यह स्पष्ट किया है कि उसके आदेश को शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक निर्देशों में बताए गए प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।
आरबीआई ने कहा है कि शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक के खाताधारकों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके अनुसार इस बैंक के ज्यादातर खाताधारक के खातों में जमा राशि 5 लाख रुपये से कम है।
इस बैंक के ऐसे खाताधारकों की संख्या करीब 99.84 प्रतिशत है। ऐसे खाताधारकों को अपना जमा पैसा डीआईसीजीसी बीमा योजना के अंतर्गत वापस मिल जाएगा।
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा किया जाता है। और बैंक में दिक्कत आने पर ग्राहकों का जमा 5 लाख रुपये तक पूरा लौटाया जाता है।