Aadhar Virtual ID (VID) Kya Hai?

क्या आप Aadhar Virtual ID (VID) के बारे में जानते हैं? या इसका प्रयोग कर रहे हैं? अगर नहीं तो इस पोस्ट में आप जानेंगे आधार वर्चुअल आई डी क्या है? साथ ही इसके सुरक्षित उपयोग क्या हैं?
Unique Identification Authority of India (यूआईडीएआई) ने जो 12 अंकों के विशिष्ट पहचान संख्या के साथ आधार कार्ड को जारी करता है। आप जानते हैं आधार नंबर को आपके बैंक, पान, सोशल सिक्योरिटीज के साथ कई सर्विसेज को एक्सेस करने के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
अब इन सभी सर्विसेज को यूज करने के लिए आपको 12 डिजिट का आधार परमानेंट आधार नंबर देने की जरूरत नहीं है। अब आधार वेरिफक्शन के लिए आप अस्थायी 16 अंकों का आधार वर्चुअल आईडी दे सकते हैं।
आधार वर्चुअल आई डी क्या है? कैसे आधार वर्चुअल आईडी बनाये ये जाने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़े।
Aadhar Virual ID (VID) क्या है?
वर्चुअल आईडी आधार नंबर की तरह ही नंबर का एक ग्रुप है। आधार नंबर जहाँ 12 डिजिट का होता है वहीं , वर्चुअल आईडी 16 डिजिट की होती है। आधार वर्चुअल आईडी 16 डिजिट की ऐसी आईडी होगी जिसमे यूजर के बायोमेट्रिक्स के साथ नाम, फोटो, एड्रेस के साथ लिमिटेड डिटेल्स होंगे जो किसी भी आधार ऑथेंटिकेशन के लिए पर्यापत होंगे।
अब उपयोगकर्ता अपना आधार नंबर प्रदान करने के स्थान पर अपने आधार वर्चुअल आईडी (VID) का उपयोग कर सकते हैं। VID एक unique 16-digit code है जो उनके उपयोगकर्ता को रैंडम्ली रूप से असाइन किया जाता है। VID संबंधित एजेंसियों को लिमिटेड केवाईसी देता है। UIDAI ने सभी Aadhar-authentication agencies के लिए 1 जून 2018 से आवेदकों से VID स्वीकार करना अनिवार्य कर दिया है।
Aadhar Virual ID (VID) की जरुरत क्यों है?
जैसा की हम देख रहे हैं भारत में लगभाग सभी सर्विसेज लगभग आधार से लिंक कर दिया गया है। प्राइवेट से लेकर सरकारी सुविधाओं तक हमें अपना आधार नंबर देना पड़ है।
आज आपका आधार बैंक से लेकर पैन तक लिंक है। जिसमें आपके बायोमेट्रिक से लेकर और भी कई मत्वपूर्ण डेटा हैं। जिस वजह से आधार के दुरुपयोग और गोपनीयता का खतरा भी बढ़ गया है। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए आधार वर्चुअल आईडी की शुरआत हुई।
UIDAI का वैकल्पिक आधार वर्चुअल आईडी एकटेम्पररी , प्रतिसंहरणीय revocable 16-digit random number होगा जो आधार संख्या के साथ मैप किया जाएगा।
यूआईडीआईए ने एक बयान में कहा “VID का अंतिम अंक आधार नंबर के रूप में मुझे चेक होगा। जिसके लिए ‘Verhoeff Algorithm‘ का उपयोग किया है। ‘Verhoeff Algorithm‘ एक चेकसम फॉर्मूला है जिसा उपयोग त्रुटि का पता लगाने के लिए होता है। इसे विकसित किया गया डच के गणितज्ञ जैकबस वेरहोफ ने।
VID अस्थायी होने की वजह से एजेंसियां इसे दुबारा प्रयोग नहीं कर सकेंगी। वीआईडी की वैधता भी एक सीमित अवधि तक के लिए ही होगी। UIDAI 1 मार्च 2018 से Aadhar VID को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। 1 जून 2108 से सभी एजेंसियों के लिए होगा जो आपके यूजर्स से वर्चुअल आईडी को स्वीकार करेगा।
आधार वर्चुअल आईडी कैसे जनरेट करें
वर्चुअल आईडी को आप असीमित बार जनरेट कर सकते हैं। ये आईडी सिर्फ कुछ समय के लिए ही वैध होगी। इसी वजह से इसका गलत इस्तेमाल होने की आशंका ना केबराबर होगी।
- यूआईडीएआई के ऑनलाइन पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- Aadhaar services tab में ‘Virtual ID Generator‘ विकल्प चुनें।
- VID जनरेशन पेज पर, अपना 12 अंकों का आधार नंबर और सुरक्षा कोड भरें।
- ‘Send OTP’ पर क्लिक करें। पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा
- ओटीपी दर्ज करें और ‘‘Generate VID or ‘Retrieve VID’ पर क्लिक करें।
- ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
- आपको 16 अंकों की वर्चुअल आईडी के साथ रेजिस्टर्ड नंबर पर एसएमएस के माध्यम से एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा।

यूआईडीएआई की सभी एजेंसियों को दो श्रेणियों में बांटती हैं। इसमे एक लोकल और दूसरे में होगी ग्लोबल एजेंसियां। इनमे सिर्फ ग्लोबल एजेंसियों को आधार नंबर के साथ E KYC का एक्सेस होगा। वहीं दुसरी तरफ स्थानीय एजेंसियों को सीमित केवाईसी की सुविधा मिलेगी।
आधार वर्चुअल आईडी की विशेषताएं
यूआईडीएआई ने वीआईडी के जरिए अपने सिस्टम में कई तरह के अपग्रेड किए हैं। वर्चुअल आईडी की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- वर्चुअल आईडी एक अस्थायी 16-अंकीय कोड है जो आधार वेरिफिकेशन के बदले होगा
- एक बार में केवल एक ही वर्चुअल आईडी जारी की जाती है। जब एक नया VID जारी किया जाता है, तो पुराने को हटा दिया जाता है
- एजेंसियों को 1 जून 2018 तक VID को शामिल करने के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करना होगा
- आधार संख्या को वर्चुअल आईडी से पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता है
- वर्चुअल आईडी बनाने की कोई सीमा नहीं है
- वीआईडी जनरेट करना अनिवार्य नहीं है। एक व्यक्ति VID के बजाय अपना आधार प्रस्तुत कर सकता है
- एजेंसियां आवेदकों को ई-केवाईसी या सत्यापन के लिए आधार संख्या प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं कर सकतीं
- एजेंसियों को VID का उपयोग करके प्रमाणीकरण के लिए उपयोगकर्ता से सहमति लेनी होगी
- प्रमाणीकरण के लिए लिए गए वर्चुअल आईडी या किसी अन्य आधार विवरण को संग्रहीत करने के लिए कोई एजेंसी अधिकृत नहीं है
- वर्चुअल आईडी तब तक वैध है जब तक उपयोगकर्ता एक नया जनरेट नहीं करता
- जब आप अपना आधार पुनः प्राप्त करते हैं, तो अंतिम उत्पन्न VID पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है
ये भी पढ़ें: Aadhar address validation letter से आधार में ऑनलाइन एड्रेस कैसे बदलें?
लोकप्रिय पूछे जाने वाले प्रश्न
आधार हेल्पलाइन नंबर 1947 पर एक एसएमएस भेजकर भी VID जेनरेट किया जा सकता है। रेजिडेंट को “GVID आधार नंबर के अंतिम 4 अंक” टाइप करने होंगे और इसे पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से 1947 पर भेजना होगा। VID एक temporary, revocable 16-अंकीय random number है जिसे आधार संख्या के साथ मैप किया गया है।
वर्चुअल आईडी या वीआईडी एक अस्थायी, 16-अंकीय पहचान संख्या है जिसे 12-अंकीय आधार संख्या के साथ मैप किया जाता है, जिसे विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) भी कहा जाता है। एक VID एक उपयोगकर्ता को आधार बायोमेट्रिक आईडी प्रोग्राम के तहत 12-अंकीय आधार संख्या का खुलासा किए बिना सत्यापन से गुजरने में सक्षम बनाता है।
आपको 1947 पर एक एसएमएस भेजना होगा। एसएमएस भेजे जाने के बाद, यूआईडीएआई आपको एक एसएमएस भेजेगा जिसमें आपकी 16-अंकीय वर्चुअल आईडी होगी। यदि आपने अपना वर्चुअल आईडी खो दिया है, तो आप एक एसएमएस भेजकर उसे पुनः प्राप्त कर सकते हैं
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Thank you Kriti
Soch raha tha ki jiske biomatric lagte hi nahi wo kya karenge. ab iska bhi smadhan bhi mil gaya achha laga jankar. thanks for this useful information
Haan Dev Bhai Ab Humari Information Secure Rahegi
nice information bro about aadhar card
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Thank You Asad
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